मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाने का फैसला एक बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम है। यह फैसला राज्य में चल रहे राजनीतिक संकट के बाद लिया गया है।

मणिपुर में राजनीतिक संकट तब शुरू हुआ जब राज्य के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने अपनी सरकार के कई मंत्रियों को हटा दिया। इसके बाद, कई विधायकों ने सरकार के खिलाफ विद्रोह किया और उन्होंने मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग की।
राज्य में चल रहे राजनीतिक संकट के बाद, राष्ट्रपति ने मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाने का फैसला किया। यह फैसला राज्य में चल रहे राजनीतिक संकट को समाप्त करने और राज्य में शांति और स्थिरता बहाल करने के लिए लिया गया है।
राष्ट्रपति शासन लगाने के बाद, राज्य में राष्ट्रपति के प्रतिनिधि के रूप में एक राज्यपाल नियुक्त किया जाएगा। राज्यपाल राज्य में राष्ट्रपति के आदेशों को लागू करेंगे और राज्य में शांति और स्थिरता बहाल करने के लिए काम करेंगे।
मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाने का फैसला एक बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम है। यह फैसला राज्य में चल रहे राजनीतिक संकट को समाप्त करने और राज्य में शांति और स्थिरता बहाल करने के लिए लिया गया है।
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